सीहोर। वीआईटी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय ग्वालियर एकेडेमी ऑफ मैथेमेटिकल साइंस के 8 वें अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। आज प्रथम दिन उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर.जे. राव ने की। उद्घाटन कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्वलन के बाद स्कूल ऑफ एडवांस्ड साइंस, वीआईटी भोपाल विश्वविद्यालय के डीन डॉ.हरिहर पाढ़ी के स्वागत अभिभाषण से हुआ। डॉ. पाढ़ी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की एवं तीन दिनों तक चलने वाले कांफ्रेंस के मुख्य आकर्षणों एवं शोध पत्रों के विषय में बताया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि वी आई टी संस्थान के वाईस प्रेसीडेंट श्री संकर विश्वनाथन, वी आई टी भोपाल के रजिस्ट्रार श्री के के नायर, ग्वालियर एकेडेमी ऑफ़ मैथमेटिकल साइंसेज के संस्थापक डॉ वी पी सक्सेना, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति और ग्वालियर एकेडेमी ऑफ़ मैथमेटिकल साइंसेज की प्रेसीडेंट डॉ रेनू जैन, प्रोफेसर ए एम मथाई, मैनिट भोपाल के डॉ के आर परदासानी, डॉ नीरू अदलाखा, एन आई टी सूरत, पी डी पी यू के डॉ ब्रजेश कुमार झा, डॉ एम ए पठान, डॉ अमित पारिख, आई आई रूरकी के डॉ आर आर भार्गव रहे। कार्यक्रम में बोलते हुए वी आई टी भोपाल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी गुनासेकरन ने अतिथियों को वी आई टी भोपाल विश्वविद्यालय के बारे में बताते हुए शैक्षणिक एवं शोध के क्षेत्र में उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि शोध पत्रों के प्रकाशन में वी आई टी सर्वाधिक शोध पत्रों के साथ भारत में प्रथम स्थान पर है। वी आई टी भोपाल में उपयुक्त हो रहे पाठ्यक्रम एवं शिक्षण प्रणाली में प्रायोगिकता पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने वी आई टी के गणितज्ञों की सराहना करते हुए कहा कि ग्वालियर एकेडेमी ऑफ़ मैथमेटिकल साइंसेज के साथ मिलकर गणित के क्षेत्र में हम अभूतपूर्व कार्य करेंगे। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर आर जे राव ने गणित के अनुप्रयोगों पर चर्चा करते हुए कहा कि ज्ञान की कोई भी प्रक्रिया गणित के बारे में पूरी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि बायोइंफॉर्मेटिक्स, बायोमेडिकल, फिजिक्स, केमिस्ट्री, सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी कोई भी विषय हो बिना गणित के शोध संभव नहीं है। साथ ही साथ गणित के विद्यार्थियों के लिए विज्ञान की विभिन्न धाराओं का ज्ञान रखना भी अपरिहार्य हो गया है। डॉ रेनू जैन ने ग्वालियर एकेडेमी ऑफ़ मैथमेटिकल साइंसेज की यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि 1993 में अपनी स्थापना के बाद से आजतक विभिन्न विषयों जैसे फिजियोलॉजी, फ्लूइड डायनामिक्स, बायोइंफॉर्मेटिक्स, बायोमेडिकल एवं अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों पर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित किये गए हैं। ग्वालियर एकेडेमी ऑफ़ मैथमेटिकल साइंसेज के संस्थापक डॉ वी पी सक्सेना ने अपने उद्बोधन में ग्वालियर के चतुर्भुज मंदिर में उपयुक्त शून्य के सिद्धांत को रेखांकित करते हुए ग्वालियर में गणित में योगदान को बताया। उन्होंने कहा कि ग्वालियर एकेडेमी ऑफ़ मैथमेटिकल साइंसेज के 250 पूर्णकालिक सदस्य हैं तथा अन्य कई अल्पकालिक सदस्य हैं। वी आई टी भोपाल विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने वी आई टी प्रबंधन एवं प्रशासन का धन्यवाद देते हुए कांफ्रेंस के लिए शुभकामनायें दीं। प्रोफेसर ए एम मथाई ने वी आई टी में हो रहे शोध कार्यों की सराहना करते हुए शुभकामनायें दीं। कार्यक्रम का समापन कोंंफ्रेंस की कन्वेनर डॉ ममता अग्रवाल के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। इन तीन दिनों में भारत समेत विश्व के 4 अलग अलग देशों, तुर्की, कनाडा, साउथ अफ्रीका, यू एस ए से 100 एब्स्ट्रैक्ट और 40 फुल लेंथ रिसर्च पेपर प्रस्तुत होने हैं। कार्यक्रम में डॉ शरद चंद्र त्रिपाठी , डॉ श्वेता मुखर्ज़ी, डॉ अविरुप दास, डॉ संदीप, डॉ अक्षरा, डॉ राबिया आदि उपस्थित रहे।
ग्वालियर एकेडेमी ऑफ मैथेमेटिकल साइंस के 8 वें अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस का तीन दिवसीय आयोजन प्रारंभ